यूपी चुनाव 2022 के सपनों का आना जारी है, अखिलेश के बाद ओवैसी को आया सपना!


यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) की तारीखें सामने नहीं आ रही हैं. इसकी वजह से सियासी दलों के नेताओं को सपने आना शुरू हो गए हैं. हाल ही में भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव और अखिलेश यादव के सपने में भगवान कृष्ण के आने के बाद अब असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के सपनों में मुस्लिम (Muslim) आए हैं.

चुनाव आयोग यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए तारीखों की घोषणा कभी भी कर सकता है. लेकिन, देशभर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे का असर उत्तर प्रदेश के सियासी दलों पर भी पड़ा है. 

कोरोना वायरस की वजह से भाजपा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बसपा समेत सभी राजनीतिक पार्टियों ने काफी हद तक रैलियों और जमावड़ों से फिलहाल के लिए तौबा कर ली है. लेकिन, चुनाव नजदीक हों और वोटरों के बीच अपनी बात न पहुंचाने पाने की विषम स्थिति बन जाए, तो कोई न कोई उपाय निकालना ही पड़ता है. 

हाल ही में भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव के सपने में भगवान कृष्ण ने आकर उन्हें प्रेरणा दी थी कि सीएम योगी आदित्यनाथ को मथुरा से यूपी चुनाव 2022 लड़ना चाहिए. जिसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के सपने में श्री कृष्ण ने सपा सरकार बनने की बात कही थी. 

क्योंकि, सपनों पर किसी का एकाधिकार नहीं है, तो एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी को भी एक सपना आया है.


पिछले यूपी विधानसभा चुनाव तक सूबे में मुस्लिम वोटबैंक को लेकर जो सियासत होती थी, वो अब पूरी तरह से बदल चुकी है.

मुस्लिम वोटबैंक चुनावी हाशिये पर, दावा किसका मजबूत?

दरअसल, यूपी में सियासी जमीन तलाश रहे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव के सपने को लेकर तंज कसते हुए कहा था कि 'मेरे ख्वाब में मुसलमान आकर कहते हैं कि सपा को वोट नहीं देंगे, मेरे ख्वाब में मुजफ्फरनगर के मजलूम मुसलमान आते हैं जो घर से बेघर हो गए और वो कहते हैं कोई तो हमारे हक की बात करो.' खैर, असदुद्दीन ओवैसी को ये सपना क्यों आया है, ये समझना बहुत मुश्किल नही है. पिछले यूपी विधानसभा चुनाव तक सूबे में मुस्लिम वोटबैंक को लेकर जो सियासत होती थी, वो अब पूरी तरह से बदल चुकी है. यूपी की सियासत में जो दर्जा कभी मुस्लिम वोटबैंक मिला करता था, वो अब ब्राह्मण मतदाताओं को मिल गया है. इतना ही नहीं, भाजपा ने उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व के मुद्दे को इस जोर-शोर से उठाया है कि मुस्लिम-यादव गठजोड़ के सहारे सत्ता में आने वाले अखिलेश यादव अब सोशल इंजीनियरिंग की साइकिल पर सवार हो गए हैं. और, समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम नेता आजम खान के बारे में बोलने तक से कतरा रहे हैं.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ