यूपी चुनावी दंगल में अखिलेश का बड़ा दांव, बसपा से हाथ मिलाने को तैयार

लखनऊ, 10 जनवरी: सत्ता की रेस में बीजेपी को पछाड़ने के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने धुर विरोधी बसपा सुप्रीमो मयावती से सहयोग मांगा है। जी हां, ये हकीकत है। अखिलेश यादव ने साफ कहा है कि मायावती जी उन्हें आशीर्वाद दें।

akhilesh yadav seeks blessing and support from mayawati to defeat bjp in up election 2022


न्यूज 18 के एक कार्यक्रम में बोलते हुए अखिलेश यादव ने मायावती से चुनाव में सहयोग मांगा। कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव को एक फोटो दिखाई गयी थी जिसमें वे मायावती के साथ दिख रहे हैं। फोटो साल 2019 की थी जब सपा और बसपा का लोकसभा के चुनाव में गठबंधन हुआ था।


इस फोटो को देखकर उन्होंने कहा कि ये आशीर्वाद दें इस बार। पिछली बार पूरा सहयोग किया मैंने। जितना सहयोग हो सकता है समाजवादियों ने किया और इस बार मैं अपील करता हूं कि अम्बेडकरवादी और समाजवादी मिलकर के बीजेपी का सफाया करें।

अब अखिलेश यादव की इस अपील पर मायावती की प्रतिक्रिया आती है, ये देखना दिलचस्प होगा। वैसे अभी तक तो मायावती का रूख सपा के बिल्कुल ही खिलाफ रहा है। पिछले साल विधानसभा परिषद के चुनाव के दौरान तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि यदि सपा को हराने के लिए का साथ भी देना पड़े तो वे देंगी। 

बता दें कि यूपी के इस बार के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने दलित वोटबैंक को समेटने के लिए तगड़ी प्लानिंग की है। उन्होंने अपनी हर रैली में समाजवाद के साथ अम्बेडकरवाद की बात कही है। बसपा के अलावा दूसरे दलों से बड़ी संख्या में अलग हुए दलित नेताओं को भी अपने पाले में किया है।

अभी तक मायावती के खिलाफ नहीं बोला एक भी शब्द

अखिलेश यादव की कोशिश है कि बसपा से छिटकने की सूरत में दलित वोटबैंक बीजेपी की तरफ नहीं उनकी तरफ ही रूख करे। इसीलिए उन्होंने मायावती के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है, भले ही मायावती आये दिन सपा पर हमले करती हों। और अब तो उन्होंने मायावती से आशीर्वाद ही मांग लिया है। यूपी में 23 फीसदी के लगभग दलित वोटबैंक है। अखिलेश यादव जानते हैं कि यदि उनके वोटबैंक के साथ दलित आ जायें तो उन्हें कोई परास्त नहीं कर सकता।

सपा-बसपा में दो बार हो चुका है गठबंधन

बता दें कि सपा और बसपा यूपी की राजनीति में दो ध्रुव जैसे हैं। ये साथ नहीं बल्कि एक दूसरे के खिलाफ ही रहे हैं। हालांकि दोनों पार्टियों में दो बार गठबंधन हो चुका है। 1993 के विधानसभा चुनाव में और 2019 के लोकसभा चुनाव में। लोकसभा के चुनाव के बाद मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ लिया था। 

तब से लेकर अब तक सपा के खिलाफ ही उनके बयान आते रहे हैं। बता दें कि लखनऊ में रविवार को कार्यक्रम का आयोजन न्यूज 18 ने किया था। इसमें चैनल के मैनेंजिंग एडिटर अमिश देवगन के साथ इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने मायावती से आशीर्वाद मांगा। उन्हें मायावती के साथ वाली फोटो दिखाई गयी थी और इसपर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गयी थी।

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