बिना सीमेंट के ताजमहल कैसे बना

 


भारत में किसी खूबसूरत चीज की बात करे तो सबसे पहला नाम जो आता है वो हमारे देश भारत के राज्य आगरा में स्थित ताजमहल का नाम आता है उसकी खूबसूरती देखने के लिए लोग दूर-दूर से देश विदेश के लोग आते हैं।

सच में यह अपने आप में एक बहुत ही बड़ा अजूबा इसकी खूबसूरती वाकई में लाजवाब है आखिर इन्हें बनाया भी गया है अपने प्यार के लिए।

वैसे दोस्तों इस लेख में हम (taj mahal bina cement ke kaise bana | ताजमहल बिना सीमेंट का कैसे बना) के बारे में तो जानेंगे ही साथ ही उनसे जुड़ी इतिहास और उनके बारे में भी बहुत सारी रोमांचक चीजें भी जानेंगे जो पक्का आप नहीं जानते होंगे। तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़ने की कोशिश जरूर करें!

ताजमहल को बिना सीमेंट के कैसे इतना मजबूत बनाया गया था?

दोस्तों हमारे देश के खूबसूरती की मिसाल ताजमहल अपने जमाने से लेकर अब तक कई सारे भूकंप आंधी तूफानों को झेल चुका है फिर भी यह इतना मजबूती के साथ खड़ा है.

हालांकि आप में से कुछ लोग कहेंगे की ताजमहल को बहुत ही ज्यादा देखरेख में रखा जाता है लेकिन वह बात अलग है जब तक किसी बिल्डिंग की खुद की मजबूती ना हो तो चाहे आप उसकी कितनी भी देखरेख कीजिए वह एक ना एक दिन कमजोर होकर गिर ही जाएगी। 

चलिए जानते हैं - bina cement ke tajmahal kaise banaen .

बिना सीमेंट के ताजमहल कैसे बना ?



दोस्तों ताजमहल को तब बनाया गया था जब सीमेंट की खोज नहीं हुई थी और वही सीमेंट के खोज होने से पहले किसी भी बिल्डिंग को जब बनाया जाता था तब उनके ईट को जोड़ने के लिए एक खास तरह के पेस्ट का इस्तेमाल किया जाता था।

और उन पेस्ट को बनाने के लिए गुड,बताशा, बेलगिरी का पानी, दही, उड़द दाल, जूट, कत्था और कंकड़ जैसी और भी कई सारी चीजों को मिलाकर एक अलग किस्म का पेस्ट बनाया जाता था जोकि सीमेंट के जैसा ही काम करता था मजबूती लगभग सीमेंट के बराबर ही थी तभी तो उस जमाने में राजा महाराजा के बड़े-बड़े महल और ऊंची-ऊंची मंदीरे बनाई जाती थी।

हालांकि इस दुनिया में कुछ ऐसे ऐसे बड़े बड़े स्ट्रक्चर हैं जो की पूरी तरह से रहस्यमई है। जिसे आजकल के आधुनिक जमाने में भी बनाना बहुत ही मुश्किल का काम लगता है!

सिमेंट का खोज किसने और कब किया?


ताजमहल को जब शाहजंहा जी ने बनवाया था तब किसी प्रकार का कोई सीमेंट की खोज नहीं हुई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें सीमेंट का अविष्कार साल 1824 ईस्वी में इंग्लैंड के रहने वाले जोसेफ एस्पडीन नामक इंटलेजिंट साइंटिस्ट ने किया था। वहीं ताजमहल की बात करें तो ताजमहल को 1631 ईसवी में बनाना शुरू किया गया जोकि 1641 ईस्वी को बनकर तैयार हुआ।

ताजमहल में लगा है दुनिया के सबसे रेयर और अनोखे कीमती पत्थर!

वैसे बात करें ताजमहल में लगे कुछ रेयर और कीमती पत्थरों के बारे में जो कि इस दुनिया में बहुत कम ही मिलते हैं वह पत्थर है।

  1. Aqeeq
  2. Yemenite
  3. Firoza
  4. Lajward
  5. Moonga
  6. Sulaimani
  7. Lahsania
  8. Tamra
  9. Yashab
  10. Pitunia

इस तरह के रेयर पत्थर ताजमहल के सजावट में इस्तेमाल किए गए थे लेकिन इससे भी ज्यादा रेयर पत्थर इस्तेमाल किया गया उसका नाम है 

  1. talai
  2. pai-zahar
  3. ajuba
  4. khattu
  5. nakhod
  6. maknatis

ये सभी पत्थर दुनिया में ना के बराबर ही मिलते हैं और यह एक रहस्य है कि शाहजहां ने इन सभी पत्थरों को कहां से और कैसे लाया यह बात अब तक कोई नहीं जान पाया है।

ताजमहल को बनाने में कितना खर्च आया होगा।

दोस्तों आपके मन में यह भी सवाल आ रहा होगा कि ताजमहल को उस वक्त बनाने में कितना खर्च आया होगा जैसे कि उसे कितने अजूबे पत्थरों से सजाया गया है और उसे पूरी तरह से मार्बल से बनाया गया है वह भी इतनी मजबूती के साथ जैसा कि आपको पता ही होगा उस वक्त एक रुपए की कीमत कितनी थी. तो एक अनुमान के मुताबिक ताजमहल को बनाने का खर्च लगभग 8 हजार करोड़ से 10 हजार करोड़ तक बतलाया गया है।

Conclusion- दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप को ताजमहल की खूबसूरती के पीछे लगी खर्च का अंदाजा लग गया होगा और उनके पीछे का राज भी पता चल ही गया होगा आपको हमारा यह लेख ( बिना सीमेंट के ताजमहल कैसे बना ? ) पसंद आया होगा। 

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