- जब तूतेनखामेन की कब्र खोजी गई तो उनकी ममी के नीचे से एक कमरा तक पहुंचने का रास्ता था, जो सोने-चांदी के कई सामानों से भरा हुआ था। हालांकि, यह वह खजाना नहीं था, जिसका इतिहासकारों ने जिक्र किया है।
- इसके कुछ दिनों बाद से ही ऑर्कियोलॉजिस्ट हॉवर्ड के टीम के कई सदस्यों की रहस्यमयी मौत होनी शुरू हो गई थी। ये लोग वही थे, जिन्होंने कब्र से तूतेनखामेन की ममी हटाकर खजाना निकाला था। इसके अलावा कुछ महीनों बाद ही लॉर्ड जॉर्ज कारनारवन की भी मौत हो गई थी, क्योंकि वे ही तूतेनखामेन के खजाने को लेकर उत्सुक थे।
- उस समय के फेमस लेखक और जासूसी नॉवेल 'शैरलॉक होम्स' के राइटर 'सर ऑर्थर कोनन' डॉयल ने भी कहा था कि यह श्रापित ममी थी।
- मिस्र के इतिहास में तूतेनखामेन सबसे ज्यादा चर्चित व्यक्ति थे, जो सिर्फ 9 साल की उम्र में ही मिस्र के राजा बन गए थे। हालांकि, 19 साल की उम्र में उनकी रहस्यमयी मौत हो गई थी।
- उनकी मौत का कारण मेरुदण्ड टेढ़ा होना बताया गया था। वहीं, इतिहासकारों का मानना था कि राजगद्दी के लिए उनकी हत्या कर दी गई थी।
- उनकी कब्र को 1922 में ब्रिटिश ऑर्कियोलॉजिस्ट हॉवर्ड कार्टर ने खोजा था। इस समय मिस्र पर इंग्लैंड का कब्जा था और यहां के लॉर्ड जॉर्ज कारनारवन थे। कारनारवन ने ही हॉवर्ड को तूतेनखामेन की कब्र और खजाना खोजने का काम सौंपा था।
रानी की 3,000 साल पुरानी मूर्ति
2015 में छपे निकोलस रीवेस के रिसर्च पेपर 'द बुरियल ऑफ़ नेफरतीती' के
मुताबिक़ रानी नेफरतीती के लिए भी एक छोटा मकबरा बनाया गया था और उनके
अवशेष भी इसी मकबरे के अंदर हो सकते हैं।
नेफरतीती के अवशेष कभी मिल नहीं सके, लेकिन उनके बारे में जानने की कोशिश हमेशा होती रही। रानी नेफरतीती की एक तीन हज़ार साल पुरानी मूर्ति आज भी मौजूद है, जो कि प्राचीन मिस्र में उनकी पहचान को और भी पुख्ता करती है।ये भी माना जाता है कि रानी के पति फ़राओ अखानातन की मौत और उनके बेटे के गद्दी पर बैठाने के बीच का जो वक्त था उस दौरान रानी ने मिस्र पर शासन किया था।
तूतेनखामेन का मकबरा
कहा जाता है कि उन्होंने अपने पति के साथ ईसा पूर्व 1353 से लेकर ईसा पूर्व
1336 तक शासन किया था। महारानी नेफरतीती और फ़राओ अखानातेन का नाम मिस्र
के प्राचीन इतिहास से इस कारण मिटा दिया गया था क्योंकि अखानातन ने अनेक
मिस्री देवताओं की पूजा के स्थान पर केवल एक देवता यानी सूर्य देवता की
पूजा शुरू कराई थी।
पुरातत्वविद निकोलस के सनसनीखेज पेपर सामने आने के बाद कई और भी बाते सामने आईं जिससे गुप्त कमरा होने के दावे को बल मिला। मिस्र के अधिकारियों ने भी कह दिया था कि उन्हें नब्बे फ़ीसदी तक यकीन है कि तूतेनखामेन के मकबरे में एक और गुप्त चेंबर है।
मकबरे की रिसर्च टीम के हेड डॉक्टर फ्रांसेस्को पोरसेली ने कहा, "ये बात कुछ हद तक थोड़ा निराश करने वाली है कि तूतेनखामेन के मकबरे के पीछे कुछ नहीं मिला, लेकिन दूसरी तरफ मुझे ये भी लगता है कि ये एक अच्छा विज्ञान है।"
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