दुनिया की सबसे वीभत्स फिल्म कैनिबल होलोकॉस्ट:सीन रियल दिखें इसलिए एक्टर्स से रेप करवाए

 ये अनसुनी दास्तान कुछ अलग है। आज हम किसी फिल्म सितारे की कहानी नहीं, बल्कि एक फिल्म के बनने और उसके बाद दुनियाभर में हुए हंगामे की कहानी लेकर आए हैं। ये दुनिया की सबसे वीभत्स, हिंसक और सबसे ज्यादा न्यूडिटी वाली फिल्म मानी जाती है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए कि आज भी 50 देशों में ये फिल्म बैन है।

ये है 1980 में बनी इटालियन फिल्म कैनिबल होलोकॉस्ट। आप ने नाम सुना होगा, कुछ ने देखी भी होगी, लेकिन इस फिल्म के बनने से लेकर सिनेमाघरों में आने तक का जो सफर है, वो सिहरन पैदा करने वाला है। इस फिल्म में हिंसा वाले सीन रियल लगें इसके लिए डायरेक्टर ने एक्टर्स से कैमरे के सामने जानवरों की हत्या करवाई। रेप सीन भी रियल लगें, इसके लिए सच में भी रेप करवाए। ये इतने वीभत्स हैं कि हम भी अपनी इस कहानी में इस फिल्म के ज्यादातर फोटो और वीडियो यूज नहीं कर पा रहे हैं।

शूटिंग का आलम ये था कि एक्टर्स सेट पर ही उल्टियां करते, कुछ डिप्रेशन में चले गए, एक एक्टर ने रेप सीन शूट करने के बाद अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप कर लिया, क्योंकि उसे खुद से ही नफरत हो गई थी, लेकिन परफेक्शन की सनक डायरेक्टर पर इस कदर हावी थी कि उसने ऐसी किसी भी बात का असर फिल्म की शूटिंग पर नहीं पड़ने दिया।

जब फिल्म रिलीज हुई तो 10वें दिन ही बैन हो गई। इसकी सारी रीलें जब्त कर ली गईं। कुछ हत्याओं के सीन इतने रियल थे कि डायरेक्टर पर एक्टर्स की हत्या के आरोप लगे, गिरफ्तारी हुई और केस भी चला, क्योंकि फिल्म की शूटिंग के बाद से वो एक्टर्स भी गायब थे।

फिल्म 50 से ज्यादा देशों में बैन हो गई, लेकिन जहां भी रिलीज हुई, जबरदस्त कमाई की। 1 लाख डॉलर के बजट में बनी फिल्म ने 10 दिन में ही 20 मिलियन डॉलर की कमाई कर डाली। इसकी लाइफटाइम कमाई 200 मिलियन डॉलर रही। ये अपनी लागत के मुकाबले 2000 गुना कमाई करने वाली सफलतम फिल्म मानी गई। इसे कल्ट क्लासिक का दर्जा भी हासिल है।

आज की अनसुनी दास्तानें में कैनिबल होलोकॉस्ट के बनने, रिलीज होने और उसके बाद जो-जो हुआ उसकी कहानी पढ़ते हैं....

फिल्म की वीभत्सता उसके नाम और सब्जेक्ट में ही

सबसे पहले शुरुआत फिल्म के नाम से ही करते हैं। कैनिबल होलोकॉस्ट। कैनिबल यानी नरभक्षी, जो मानव मांस खाते हैं। होलोकॉस्ट का मतलब है प्रलय। पूरे नाम का अर्थ हुआ नरभक्षियों का प्रलय। जब बात ही नरभक्षियों की है तो फिल्म का वीभत्स, हिंसक और न्यूडिटी से भरा होना भी लाजमी है। फिल्म की कहानी अमेजन के जंगलों में रहने वाले आदिवासी कबीलों की है, जो नरभक्षी हैं। एक ग्रुप इन कबीलों पर डॉक्यूमेंट्री शूट करने अमेजन के जंगलों में जाता है और फिर शुरू होता है, हत्या, रेप और हिंसा का भयानक खेल।

अब कहानी फिल्म बनाने के आइडिया की

फिल्म डजांगो में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम करते हुए रगेरो डिओडाटो ने अपने बेटे के साथ एक वॉयलेंट न्यूज देखी, जिसमें रेड ब्रिगेड्स (इटली का एक नक्सलाइट ग्रुप) कुछ लोगों को दर्दनाक मौत दे रहा था। इस दौरान इटालियन मीडिया जर्नलिज्म के नियमों से हटकर उस हिंसक कंटेंट को दिखा रही थी। इससे रगेरो को अपनी फिल्म का आधार मिला।

रगेरो डिओडाटो ने साल 1977 में अल्टिमो मोंडो कैनिबल फिल्म बनाई थी। जो कुछ लोगों की कैनिबल ट्राइब (नरभक्षी जातियों) से बचने की कहानी थी। जर्मन डिस्ट्रीब्यूटर से मुलाकात के बाद डिओडाटो ने इसकी सीक्वल फिल्म कैनिबल होलोकॉस्ट बनाने का फैसला किया, शुरुआत में इस सीक्वल का टाइटल ग्रीन इफर्नो रखा गया। डायरेक्टर ने इस फिल्म को फाउंड फुटेज कॉन्सेप्ट में बनाने का फैसला किया।

फिल्म को ज्यादा देशों तक पहुंचाने के लिए डायरेक्टर की कास्टिंग स्ट्रैटजी

डायरेक्टर डिओडाटो चाहते थे कि फिल्म ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचे, इसलिए उन्होंने इस इटालियन फिल्म को अंग्रेजी में बनाने का फैसला किया। इसमें अमेरिकन एक्टर पैरी पिरकानेन को कास्ट किया गया।

ये है तो एक इटालियन फिल्म, लेकिन इसे यूरोपियन माना गया। जिससे यूरोप के देशों में इसे अच्छे डिस्ट्रीब्यूटर मिल सकें। पहले इटली में कानून था कि फिल्म को इटली में रिलीज करने के लिए उस फिल्म में कम से कम दो इटालियन एक्टर का होना अनिवार्य था, जिन्हें इटालियन भाषा आती हो। ऐसे में डायरेक्टर ने एक्टर्स लूका जियोर्जिया और फ्रैंसास्को सियारडी को भी चुना।

शूटिंग शुरू होने से पहले ही आईं अड़चनें

फिल्म में पहले अमेरिकन एक्टर पिरकानेन के दोस्त को कास्ट किया गया था, लेकिन अमेजन के जंगलों में शूटिंग शुरू होने से ठीक पहले उसने फिल्म करने से इनकार कर दिया। हड़बड़ी में टीम ने स्टेज एक्टर कार्ल गेब्रिएल को कास्ट किया, क्योंकि महीनों की मेहनत से तैयार किए गए बूट और कॉस्ट्यूम का साइज उन्हें फिट आ रहा था।

4 जून 1979 को फिल्म की शूटिंग अमेजन के जंगलों और रोम में शुरू हुई। डायरेक्टर रगेरो डिओडाटो को बिना VFX के हिंसक मर्डर के ऐसे सीन शूट करने थे, जो असली लगें। उन्होंने इटालियन डायरेक्टर रॉबर्ट रोजेलिनी से ट्रेनिंग ली, जो इस तरह के सीन अपनी पिछली फिल्म अलटाइम ग्रिडा डाल्ला सवाना में इस्तेमाल कर चुके थे।

कई बार रोकनी पड़ी शूटिंग

एक्टर एलन याट्स ने फिल्म छोड़ी तो 2 हफ्तों तक शूटिंग टालनी पड़ी। शूटिंग शुरू हुई तो एक्टर रॉबर्ट करमैन के पिता का मर्डर हो गया, जिससे शूटिंग फिर रोकनी पड़ी। इसके अलावा अमेजन के जंगलों में शूटिंग के समय कभी तेज बारिश तो कभी तूफान के चलते भी शूटिंग में कई बार अड़चनें आईं।

बिना कपड़ों के खराब मौसम में शूटिंग और डायरेक्टर की मनमानी

ट्राइब्स बने सभी एक्टर्स के ज्यादातर सीन बिना कपड़ों के ही फिल्माए गए हैं। वहीं लीड एक्टर्स को भी कई बार न्यूड सीन देने पड़े। हर एक सीन को हिंसक बनाने के लिए डायरेक्टर की डिमांड बढ़ती जा रही थी, जिसका हर्जाना एक्टर्स को भुगतना पड़ रहा था।

एक्टर्स से बदसलूकी करते थे डायरेक्टर रगेरो

लीड एक्टर रॉबर्ट करमैन और डायरेक्टर रगेरो के बीच सेट पर लगातार बहस और अनबन होती रही। रोजाना सेट पर दोनों का खूब झगड़ा होता था। एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर रॉबर्ट ने डायरेक्टर को आत्माहीन और लापरवाह बताया। दूसरे क्रू मेंबर्स और आर्टिस्ट से भी डायरेक्टर का व्यवहार ठीक नहीं था।

दूसरे एक्टर कार्ल यॉर्क का भी फीमेल एक्ट्रेस फ्रांसिस्का से मतभेद हुआ, क्योंकि कार्ल ने उनके साथ सेक्स सीन करने से इनकार कर दिया था।

एक्टर की मर्जी के खिलाफ उनके हाथों करवाई जानवरों की हत्या

शूटिंग के दौरान कास्ट के कई सदस्य फिल्म में न्यूडिटी, सेक्स, ग्राफिक कंटेंट और जानवरों को असल में मारने से असहज थे। एक्टर कार्ल ने शूटिंग के दौरान कहा था कि इस तरह के क्रुएलिटी लेवल से मैं अनजान था।

कार्ल को एक सीन में सूअर को बेरहमी से मारना था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया क्योंकि वो उस सूअर से इमोशनली कनेक्टेड थे। आखिरकार डायरेक्टर ने उनसे जबरदस्ती इस सीन की शूटिंग करवाई। जब सीन शूट हुआ तो कार्ल को एक मोनोलॉग बोलना था। वो बेहद इमोशनल हो गए, लेकिन उन्हें भावनाएं काबू करनी पड़ीं, क्योंकि रीटेक के लिए सेट पर दूसरा सूअर मौजूद नहीं था।

एक्टर करमैन ने भी एक जंगली जानवर की हत्या करने से इनकार कर दिया। डायरेक्टर से उनका खूब झगड़ा हुआ। उन्होंने डायरेक्टर से ये भी विनती की कि हत्या के सीन से ठीक पहले उस जानवर को जिंदा छोड़ दिया जाए, लेकिन डायरेक्टर ने दबाव डालकर उसकी हत्या करवा दी। पिरकानेन भी एक कछुए की कुर्बानी करते हुए खूब रोए।

सीन इतने वीभत्स की शूटिंग में सेट पर मौजूद लोगों ने कर दी उल्टी

एक्टर के हाथों जानवरों का कत्ल करने वाले सीन इतने वॉयलेंट और क्रूर थे कि शूटिंग के दौरान ही सेट पर मौजूद कई लोगों ने उल्टी कर दी। सबसे ज्यादा बेरहमी से स्क्विरल बंदर को मारा गया था।

रेप और सेक्स सीन को असल में फिल्माया गया

डायरेक्टर ने एक्टर्स पर सेक्स सीन शूट करने का दबाव बनाया। सेट पर लोग ज्यादातर तनाव और गुस्से में रहते थे। एक्ट्रेस फ्रांसिस्का सियार्डी ने एक सेक्स सीन के दौरान अपने कपड़े उतारने से इनकार किया तो डायरेक्टर ने उन्हें गुस्से में सेट से बाहर कर दिया। बाहर जाकर भी डायरेक्टर फ्रांसिस्का पर चिल्लाते रहे। आखिरकार उन्हें दबाव में बिना कपड़ों के ही शूटिंग करनी पड़ी।

शूटिंग का इतना बुरा असर, एक्टर को खुद से नफरत हो गई

एक लोकल लड़की के साथ रेप सीन फिल्माने के दौरान एक्टर कार्ल बुरी तरह प्रभावित हुए। सीन में कार्ल अपने साथी के साथ एक ट्राइबल लड़की के साथ जबरदस्ती संबंध बनाते हैं और उसे टॉर्चर करते हैं। इस सीन की शूटिंग के बाद वो सेट पर अमूमन डिस्टर्ब रहने लगे थे। उन्हें खुद से नफरत सी हो गई। शूटिंग का कार्ल पर इतना बुरा असर पड़ा कि उन्होंने न्यूयॉर्क जाकर अपनी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप कर लिया। जब उन्हें डॉलर के बजाय कोलंबियन करेंसी में पेमेंट हुई तो नाराज होकर उन्होंने आगे की शूटिंग करने से भी इनकार कर दिया।

सीन असल दिखाने के लिए डायरेक्टर ने क्रू को जलती झोपड़ी में बंद रखा

एक सीन में ट्राइबल को झोपड़ी में रखकर आग लगाई गई थी। डायरेक्टर रगेरो का पागलपन ऐसा था कि उन्होंने असल में एक्टर्स को जलती हुई झोपड़ी में काफी देर तक रहने का दबाव बनाया, जबकि आग की लपटें तेज थीं और झोपड़ी लगातार आग में जलते हुए टूट कर गिर रही थी। इस खतरनाक सीन को फिल्माए जाने के बावजूद डायरेक्टर ने क्रू मेंबर्स को उनकी पेमेंट नहीं दी।

रिलीज के बाद कुछ लोगों ने फिल्म की खूब तारीफ की, लेकिन कई लोगों ने इसके खिलाफ शिकायत की। फिल्म में जानवरों के साथ हुई क्रूरता और हिंसक कंटेंट दिखाए जाने पर इसे सेंसर करने की मांग उठी। फिल्म में सेक्शुअल वॉयलेंस की भरमार थी, जिससे ये फिल्म आज भी सबसे विवादित और हिंसक मानी जाती है।

कैनिबल होलोकॉस्ट एक मास्टरपीस फिल्म!

फिल्म देखने के बाद डायरेक्टर सेरजियो लियानी ने रगेरो को लेटर लिखकर कहा- डियर रगेरो, बेहतरीन फिल्म थी। ये दूसरा पार्ट (कैनिबल होलोकॉस्ट) सिनेमेटोग्राफी रियलिज्म का एक मास्टरपीस है। सब कुछ इतना असल लग रहा है कि मुझे लगता है कि तुम मुश्किलों से घिर जाओगे।

रिलीज के 10 दिन बाद ही सीज कर ली गई फिल्म की सारी रील्स

दर्शकों की शिकायत के बाद फिल्म को लोकल कोर्ट के जज ने सीज कर दिया। फिल्म की सभी कॉपी जब्त करवा ली गईं और डायरेक्टर पर अश्लीलता के आरोप लगे। जब्त की गईं रील्स आगे सबूत के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली थीं।

एक मैगजीन फोटो के आधार पर डायरेक्टर पर हुआ मर्डर केस

साल 1981 में इस फिल्म को फ्रांस में रिलीज किया गया। फोटो मैगजीन ने फिल्म से जुड़ी एक तस्वीर प्रिंट करते हुए दावा किया कि फिल्म में जितने भी एक्टर्स के मर्डर सीन हैं वो सारे असली हैं। फिल्म को रियल बनाने के लिए डायरेक्टर ने अपने ही एक्टर्स का कत्ल करवा दिया। पब्लिकेशन के फोटो आर्टिकल के आधार पर डायरेक्टर के खिलाफ कई एक्टर्स के मर्डर का केस हुआ।

इस मामले को बेहद संजीदगी से लिया गया, क्योंकि जिन एक्टर्स के साथ मर्डर सीन फिल्माए गए थे, वो वाकई में गायब थे। फिल्म रिलीज के बाद से ही उनका कोई पता नहीं था।

एक्टर्स खुद हुए थे कोर्ट में पेश

सुनवाई के दौरान डायरेक्टर रगेरो ने अपने सभी एक्टर्स को सबूत के तौर पर पेश किया, जिनकी हत्या के आरोप में उन पर केस हुआ था। दरअसल प्रमोशनल स्ट्रैटजी के तहत ही डायरेक्टर ने अपने सभी एक्टर्स को दुनिया की नजरों से छिपकर रहने को कहा था। सभी एक्टर्स ने डायरेक्टर के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था।

कैसे फिल्माया गया था विवादित सीन

खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए डिओडाटो ने कोर्ट में बताया कि मैगजीन में छपी तस्वीर के सीन को कैसे फिल्माया गया था। उन्होंने एक लकड़ी के टुकड़े में साइकिल की सीट फिक्स की थी, जिस पर एक्ट्रेस बैठी थी। उन्हें आसमान की तरफ देखना था और उनके मुंह में बांस की लकड़ी का एक टुकड़ा डाला गया था, जिससे ऐसा लगे कि उनका पूरा शरीर बांस में पिरोया गया है। फिल्म में दिखाया गया सीन इतना हिंसक है कि इसे दिखाया नहीं जा सकता।

मर्डर केस से बरी होने के बावजूद जानवरों के साथ हिंसा के आरोप और वॉयलेंस करने पर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर को 4 महीने के लिए फिल्म इंडस्ट्री से सस्पेंड कर दिया गया।

3 साल बाद फिल्म से हटा था बैन

फिल्म के कंटेंट के कारण इसे बैन कर दिया गया था। डायरेक्टर ने 3 साल तक कोर्ट में केस लड़ा, जिसके बाद 1984 में कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। बैन हटने के बावजूद कैनिबल होलोकॉस्ट को दुनियाभर के 50 देशों में बैन कर दिया गया। अनकट फिल्म को इसी साल री-रिलीज किया गया।

कैसी है कैनिबल होलोकॉस्ट की कहानी?

कहानी- कैनिबल ट्राइब्स पर बन रही एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिए कुछ फिल्ममेकर अमेजन के जंगलों में पहुंचते हैं और लापता हो जाते हैं। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के एंथ्रोपॉलजिस्ट होराल्ड मुनरो अपनी रेस्क्यू टीम के साथ उनकी तलाश में पहुंचते हैं। अमेजन रेनफॉरेस्ट में उन्हें फिल्ममेकर्स तो नहीं मिलते, लेकिन उनकी कुछ रील्स मिलती हैं। जब रील्स देखी जाती है तो पता चलता है कि उन फिल्ममेकर्स की ट्राइब्स द्वारा बेरहमी से हत्या की जा चुकी है। एक टीवी चैनल उन फुटेज को स्पेशल प्रोग्रामिंग के तहत ब्रॉडकास्ट करना चाहता है, हालांकि होराल्ड इसके खिलाफ हैं, क्योंकि उन रील्स का कंटेंट बेहद हिंसक है। साथ ही रील्स से पता चलता है कि फिल्ममेकर्स ने हिंसक फुटेज की लालच में ट्राइब्स को जिंदा जलाया था और वहां की लड़कियों का रेप किया था।

विवादों ने हिंसक होने के बावजूद बढ़ा दी दर्शकों की उत्सुकता

फिल्म 3 साल तक बैन रही, लेकिन बाद में जब ये रिलीज हुई तो इसने कमाई के कई बड़े रिकॉर्ड तोड़े। हर किसी में उत्सुकता थी कि आखिर फिल्म में ऐसा क्या है जिसे देखकर डायरेक्टर पर मर्डर का आरोप लगा और इसे बैन किया गया। VCR के जरिए भी फिल्म दुनियाभर में उतरी।

ये हैं कैनिबल होलोकॉस्ट के रोंगटे खड़े कर देने वाले सीन-

Scene-1

रेसक्यू के लिए जंगल गए प्रोफेसर देखते हैं कि ट्राइब का एक आदमी एक महिला को अमानवीय तरीके से सजा दे रहा है। इस सीन में वो आदमी महिला के प्राइवेट पार्ट पर पत्थर का टुकड़ा और मिट्टी डालकर एक धारदार हथियार से उसका शरीर छील रहा है।

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Scene-2

डॉक्यूमेंट्री बनाने पहुंचे लोग कछुए को बेरहमी से काटते हैं और उस तड़पते हुए कछुए के शरीर का एक-एक अंग नोचकर निकालते हैं। शरीर के कई अंग कटने के बावजूद वो कछुआ तड़पता रहता है। ये सीन असल में एक कछुए को मारकर फिल्माया गया था।

Scene-3

एक सीन में प्रोफेसर को ट्राइब द्वारा एक डिकंपोज हो चुके इंसान के धड़ से दिल निकालकर उसे कच्चा खाने को कहा जाता हैं। ट्राइब का भरोसा जीतने के लिए प्रोफेसर को वो दिल चबाना पड़ता है।

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Scene - 4

एक सीन में एक बंदर की कुर्बानी दी गई है। उस बंदर को मारने वाले सीन में धारदार हथियार से उस बंदर के सिर को काटा जाता है। ये सीन बिना कट के दिखाया गया है जिसमें बंदर को बार-बार सिर में मारा जाता है।

Scene-5

डॉक्यूमेंट्री बनाने गए लोगों पर ट्राइब्स हमला करते हैं। उनके पहले साथी को पहले एक भाले से मारा जाता है और फिर उसका सिर काटकर शरीर के कई टुकड़े कर दिए जाते हैं।

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Scene-6

जब ट्राइब के लोग टीम की लड़की को पकड़ते हैं तो कई लोग उसके साथ क्रूरता से रेप करते हैं। रेप के दौरान उसके पैरों को चीर दिया जाता है।

Scene-7

एक ट्राइब महिला को सजा के देने के बाद ट्राइब के लोग उसके शरीर में लकड़ी डालते हैं और उसके शरीर को लकड़ी के साथ ही जमीन में गाड़ दिया जाता है। (ये वही सीन है जिसके आधार पर डायरेक्टर पर मर्डर केस हुआ था)

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इन सीन के अलावा भी फिल्म पूरी तरह न्यूडिटी, सेक्स सीन और रेप सीन से भरी पड़ी है।

डिस्क्लेमर- कैनिबल होलोकॉस्ट फिल्म की ये स्टोरी महज जानकारी देने के लक्ष्य से लिखी गई है। दैनिक भास्कर किसी भी तरह से हिंसक कंटेंट, न्यूडिटी या बैन कंटेंट का समर्थन नहीं करता है और न ही उसे प्रमोट करता है। भारत में बैन कंटेंट को पायरेटेड तरीके से देखना भी दंडनीय अपराध है।

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