महान अर्थशास्त्री और रणनीतिकार आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों को लेकर काफी प्रसिद्ध हैं। चाणक्य जी ने अपनी नीतियों के दम पर ही एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सम्राट बनाया था। चाणक्य ने अपनी नीतियों से सदा से समाज का कल्याण किया है। उन्होंने एक नीति शास्त्र की भी रचना की थी, जिसमें धन-दौलत, परिवार, रिश्ते, दांपत्य जीवन, संतान, मित्र और शत्रु समेत सभी विषयों को लेकर सुझाव दिए गए हैं।
चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी बातों का जिक्र किया है, जो व्यक्ति को कभी भी अपने बच्चों और पत्नी के सामने नहीं करनी चाहिए। चाणक्य जी के अनुसार शब्दों की मार सबसे गहरी चोट पहुंचाती है, इसलिए अपनी पत्नी और बच्चों के सामने शब्दों का चुनाव बेहद ही सोच-समझकर करना चाहिए। चाणक्य जी ने बताया है की इन चीजों को अपनी पत्नी और बच्चों के सामने भूलकर भी नहीं करना चाहिए-
गलत आचरण: आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों पर बड़ों की भाषा और बोली का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों के सामने बातचीत करते हुए अधिक ध्यान रखना चाहिए। उन्हें कभी भी गलत और अमर्यादित भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसी बातों का असर बच्चों के जीवन को प्रभावित कर सकता है।
चुभती हुई बातें: चाणक्य जी कहते हैं की कभी भी अपनी पत्नी के सामने ऐसी बातें ना करें, जो उसके दिल को ठेस पहुंचाए। क्योंकि पत्नी के सामने दिल को चुभने वाली बातों करने से उसके आत्मविश्वास में कमी आती है और यही घर में कलह का कारण भी बनती हैं। इसलिए अपने रिश्ते को तनाव मुक्त रखने के लिए हमेशा अपनी पत्नी से प्रेम से बात करनी चाहिए।
अनुशासनहीनता: चाणक्य जी का मानना है की अगर आपको अपने घर में हमेशा खुशमय माहौल रखना है तो अनुशासन को अपनाना बेहद ही जरूरी है। इसके अलावा मनुष्य को खासकर परिवार के साथ विनम्रता से बात करनी चाहिए और क्रोध से दूर रहना चाहिए। इससे घर में खुशियां बरकरार रहती हैं।
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